Yaad Shayari In Hindi
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महफ़िल में चल रही थी
हमारे क़त्ल की तैयारी,
हम पहुचें, तो बोले बड़ी
लम्बी उम्र है तुमारी..!!
Mahfil me chal rahi thi
Hamare katl ki taiyari,
Ham pahunche, to bole badi
Lambi umar hai tumhari..!!
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इतना मत तरसा की तुझे
अपने फैसले पर अफसोस हो,
कल तु हमसे बात करना चाहे
और हम खामोश हो..!!
Etna mat tarasa ki tujhe
Apane faisale par afasos ho
Kal tu hamse baat karna chahate
Aur ham khamosh ho..!!
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ना जाने कौन सी साजिशो का
हम शिकार हो गए
जितना दिल साफ रखा
उतने ही दागदार हो गए..!!
Na jane kaun si sajisho ka
Ham shikar ho gaye
Jitna dil saf rakha
Utne hi dagdar ho gaye..!!
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समझ में उसके भी आया तो होगा
बिछड़ कर हमसे पछताया तो होगा
जो रंग उसके लिए मैंने चुना था
किसी ने उसको पहनाया तो होगा
नही! मै बेवफा हरगिज नही हूँ
ये कह कर खुद से शरमाया तो होगा
जहाँ पर हम साथ जाते थे
वहाँ पर अकेले जाकर घबराया तो होगा..!!
Samjh me usko bhi aaya to hoga
Bichhad kar hamse pachhtaya to hoga
Jo rang uske liye maine chuna tha
Kisi ne usko pahnaya to hoga
Nhi! mai bewafa hargij nhi hun
Ye kah kar khud se sharmaya to hoga
Jaha par ham sath jate the
Waha par akele jakar ghabaraya to hoga..!!
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जिन्दगी में हमें वही लोग रुलाते है
जिनकी ख़ुशी के लिए हम अपनी हंसी
तक भूल जाते है..!!
Jindgi me hame wahi log rulate hai
Jinki khushi ke liye ham apani hansi
Tak bhul jate hai..!!
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दुनिया को हकीकत मेरी पता कुछ भी नही
इल्जाम हजारो है और खता कुछ भी नही
मेरे दिल में क्या है ये पढ़ ना सकोगे
सारे पन्ने भरे है और लिखा कुछ भी नही..!!
Duniya ko hakikat meri pta kuchh bhi nhi
Eljam hajaro hai aur khta kuchh bhi nhi
Mere dil me kya hai ye padh na sakoge
Sare panne bhare hai aur likha kuchh bhi nhi..!!
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आप किसी को,
तब तक झुका सकते हो,
जब तक वो खुद झुकना चाहता है
आपकी एक आवाज पर,
वो रुकना चाहता है
मगर जिस दिन,
उसने ये इच्छा छोड़ दी,
समझ लेना उसने हर सीमा तोड़ दी
फिर लाख कोशिशे कर लेना
झुका ना पाओगे,
वो मुड कर भी नही देखेगा,
और तुम आवाज लगाते रह जाओगे
इसलिए कभी किसी को,
इतना मत झुकाना, की वो टूट जाएँ
तुम मनाते रहो,
और वो हमेशा के लिए रूठ जाएँ..!!
Aap kisi ko,
Tab tak jhuka sakte ho,
Jab tak wo khud jhukna chahta hai
Aapki ak aawaj par,
Wo rukna chahta hai,
Magar jis din,
Usne ye echchha chhod di,
Samjh lena usne har sima tod di
Phir lakh koshishe kar lena
Jhuka na paoge,
Wo mud kar bhi nhi dekhega,
Aur tum aawaj lagate rah jaoge
Esliye kabhi kisi ko,
Etna mat jhukana, ki wo tut jaye
Tum manate raho,
Aur wo hamesha ke liye ruth jaye..!!
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जीवन के इस सफ़र में
हम उसी दिन बड़े हो जाते है
जब अपने आंसू खुद ही पोछकर
फिर खड़े हो जाते है..!!
Jiwan ke es safar me
Ham usi din bade ho jate hai
Jab apane aansu khud hi pochhkar
Phir khade ho jate hai..!!
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काश इंसान भी
नोटों की तरह होते
रौशनी की तरह करके देख लेते
असली है या नकली..!!
Kash ensan bhi
Noto ki tarah hote
Raushani ki tarah karke dekh lete
Asali hai ya nakli..!!
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विश्वास एक स्टीकर जैसा होता है
जो दूसरी बार पहले जैसा नही चिपकता..
Vishwas ak sticker jaisa hota hai
Jo dusari bar pahale jaisa nhi chipakta..!!
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जीवन में अक्सर सबको माँ-बाप
की नसीयत बुरी लगती है…
लेकिन माँ-बाप की वसीयत
सबको अच्छी लगती है..!!
Jiwan me aksar sabko maa-bap
Ki nasiyat buri lagati hai..
Lekin maa-bap ki wasiyat
Sabko achchhi lagati hai..!!
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चेहरे की चमक और मकान की
ऊंचाई पर मत जाना,
घर के बुजुर्ग हँसते हुए मिले तो समझ
लेना की ये घर अमीरों का है..!!
Chehare ki chamak aur makan ki
Unchai par mat jana,
Ghar ke bujurg hansate hue mile to samjh
Lena ki ye ghar amiro ka hai..!!
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मै क्या था, मुझे बताने मत आना,
मेरे हाल पे तरस खाने मत आना,
सुलझा लूँगा खुद ही उलझने अपनी,
मेरे जख्म पर मरहम लगाने मत आना..!!
Mai kya tha, mujhe batane mat aana,
Mere haal pe taras khane mat aana,
Suljha lunga khud hi uljhane apani,
Mere jakhm par marham lagane mat aana..!!
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जज्बातों में ढल के यूँ, दिल में उतर गया,
बन के मेरी वो आदत, अब खुद को बदल गया..!!
Jajbato me dhal ke yun, dil me utar gya,
Ban ke meri wo aadat, ab khud ko badal gya..!!
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अजीब सी उलझनों से मेरा दिन शुरू
और हर शाम फिर निखर जाता हूँ मै..
हर सुबह फिर से समेटता हूँ खुद को
और हर शाम फिर बिखर जाता हूँ मै..
करता हूँ हर रोज सफ़र की शुरुआत
पता नही जाने किधर जाता हूँ मै..
राह तलाशती है फिर से वापसी मेरी
पर रह जाता हूँ वही जिधर जाता हूँ मै..
ज़माने को लागता है की बदल गया हूँ
पर आईने में तो हुबहू नजर आता हूँ मै..!!
Ajib si uljhano se mera din shuru
Aur har sham nikhar jata hu mai
Har subah phir se sametata hu khud ko
Aur har sham phir bikhar jata hun mai
Karta hu har roj safar ki shuruwat
Pta nhi jane kidhar jata hun mai
Rah talashati hai phir se wapasi meri
Par rah jata hun wahi jidhar jata hun mai
Jamane ko lgata hai ki badal gya hu
Par aaene me to hubhu najar aata hun mai..!!
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दिल तेरी हसरतो से खफा, कैसे हो
तुझको भूल जाने की खता, कैसे हो
रूह बन कर समा गए हो, मुझमे तुम
रूह फिर जिस्म से जुदा, कैसे हो..!!
Dil teri hasarto se khafa, kaise ho
Tujhko bhul jane ki khta, kaise ho
Ruh ban kar sma gaye ho, mujhme tum
Ruh phir jism se juda, kaise ho..!!
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वो इस तरह मजाक पे मजाक करते है
खाक से उठाते है फिर खाक करते है..!!
Wo es tarah majak pe majak karte hai
Khak se uthate hai phir khak karte hai..!!
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याद करूँ, तुमसे कहूँ, अब प्यार भी जताऊ क्या
तुम हो मेरी जिन्दगी, ये बार बार बताऊँ क्या..!!
Yaad karun, tumse kahu, ab pyar bhi jatau kya
Tum ho meri jindgi, ye bar-bar batau kya..!!
Yaad Shayari In Hindi 2023
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ऐ कलम
तु आज कुछ ऐसा लिख
जो सब को भा जाए
कुछ के अश्को में समा जाए
तो कुछ के दिलो को लुभा जाए..!!
A kalam
Tu aaj kuch aisa likh
Jo sab ko bha jaye
Kuchh ke ashko me sma jaye
to kuchh ke dilo ko lubha jaye..!!
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तेरी हर बात और हर याद में मै गीत लिखता हूँ
तेरी नफरत को भी खुद से मै सच्ची प्रीत लिखता हूँ
बदलना सीख ना पाया यह तो मेरी नाकामी है,
बदलने में मै खुद की हार तेरी जीत लिखता हूँ..!!
Teri har bat aur har yaad me mai geet likhta hun
Teri nafarat ko bhi khud se mai sachchi prit likhta hu
Badalna sikh na paya yah to meri nakami hai,
Badalne me mai khud ki haar teri jeet likhta hun..!!
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मै क्यों ना बदलूं, तुम वही हो क्या,
चलो मानते है, मै गलत हूँ
मगर तुम सही को क्या..!!
Mai kyo na badalu, tum wahi ho kya
Chalo mante hai, mai galat hun
Magar tum sahi ho kya..!!
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ख्वाबो में, ख्यालो में,
ना जाने कितने ही सवालो में
हर वक्त उलझे रहते है हम
कब मिलेंगे तुमसे,
कब तुम्हे बांहों में भरेंगे
बस यही सोचते रहते है हम..!!
Khwabo me, khyalo me,
Na jane kitane hi sawalo me
Har wakt uljhe rahte hai ham
Kab milenge tumse,
Kab tumhe banho me bharenge
Bas yahi sochate rahate hai ham..!!
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तोड़ कर यकीन मेरा वो किनारे हो गए
कल जो बनते थे हमारे वो आज तुम्हारे हो गए
ये खुदगर्ज मतलबी लोग है साहब
जहाँ खुदगर्जी दिखी ये उसी के प्यारे हो गए..!!
Tod kar yakin mera wo kinare ho gaye
Kal jo bante the hamare wo aaj tumhare ho gaye
Ye khudgarj matlabi log hai sahab
Jaha khudgarji dikhi ye usi ke pyare ho gaye..!!
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थक गई हूँ जिन्दगी
अब कितना सोचूं मै
वजूद मिट रहा है मेरा
खुद को कहाँ खोजूं मै
ना ख़ुशी रुकती है
और ना गम जाता है
जब कोई हाल पूछता है
आंसुओ को कितना रोकूँ मै..!!
Thak gai hu jindgi
Ab kitna sochu mai
Wajud mit raha hai mera
Khud ko kaha khoju mai
Na khushi rukati hai
Aur na gam jata hai
Jab koi haal puchta hai
Aanshuo ko kitna roku mai..!!
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प्यार के हक़दार थे हम
मगर हमें प्यार ना मिला
वफाएं बेहिसाब की हमने
मगर हमें वफादार ना मिला
वो जिसपर बंद आँखे भी यकीन कर ले
वो हमें किरदार ना मिला
खुशियों के वारिस तो हजारो मिले
मगर गम का हमें खरीददार ना मिला..!!
Pyar ke hakdaar the ham
Magar hame pyar na mila
Wafaye behisab ki hamne
Magar hame bafadar na mila
Wo jispe band aankhe bhi yakin kar le
Wo hame kirdaar na mila
Khushiyo ke baris to hajaro mile
Magar gam ka hame khariddaar na mila..!!
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उस रात यूँ ही मै रोता रहा
बेवजह ही पलकें भिगोता रहा
जिस जिस को बसाया मै अपने दिल में
हर उसी शख्स को मै खोता रहा..!!
Us raat yu hi mai rota raha
Bewajah hi palke bhigota raha
Jis jis ko basaya mai apane dil me
Har usi shakhs ko mai khota raha..!!
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वो रिश्ता कोई खास नही था
उसे मेरे दर्द का अहसास नही था
इत्तेफाक से मिले थे हम उस मोड़ पर
वो कभी मेरी तलाश में नही था..!!
Wo rishta koi khas nhi tha
Use mere dard ka ahsas nhi tha
Ettefak se mile the ham us mod par
Wo kabhi meri talash me nhi tha..!!
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किन हालातो को
कैसे गुजारा हमने
ये तो बस हम जानते है
ये जिन्होंने हम पर
इल्जाम लगाया
ये भी हमें कम जानते है..!!
Kin halato ko
Kaise gujara hamne
Ye to bas ham jaante hai
Ye jinhone ham par
Eljaam lagaya
Ye bhi hame kam jante hai..!!
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मोहब्बत वो समंदर है जिसमे किनारा नही होता
कस्ती तो होती पर सहारा नही होता
ये वो समंदर है जंहा डूबके शुकून मिलता है
बच निकले अगर तो गुजारा नही होता..!!
Mohbbat wo samandar hai jisme kinara nhi hota
Kasti to hoti par sahara nhi hota
Ye wo samandar hai jaha dubake shukun milta hai
Bach nikale agar to gujara nhi hota..!!
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समझता तो है, पर
मानने को तैयार नही है..
दिल है जनाब,
दिमाग जैसा समझदार नही है..!!
Smjhta to hai, par
Manane ko taiyar nhi hai..
dil hai janab,
Dimag jaisa samjhdar nhi hai..!!
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तुम्हारी एक झलक पाने को हम बेक़रार बैठे है
फलक का चाँद देखने आज, तेरे द्वार बैठे है
मोहब्बत है हमें तुमसे, नही डर अब ज़माने से
खवाबो में तुम्हे रख कर, दिलो जा हार बैठे है..!!
Tumhari ak jhalak pane ko ham bekarar baithe hai
Falak ka chand dekhane aaj, tere dwar baithe hai
Mohbbat hai hame tumse, nhi dar ab jamane se
Khwabo me tumhe rakh kar, dilo ja har baithi hai..!!
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हसरते कुछ और है
वक्त की इल्तजा कुछ और है
कौन जी सका है
जिन्दगी अपने मुताबिक
दिल चाहता कुछ और है
होता कुछ और है..!!
Hasrate kuchh aur hai
Wakt ki eltja kuchh aur hai
Kaun ji saka hai
Jindagi apane mutabik
Dil chahta kuchh aur hai
Hota kuchh aur hai..!!
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बेवफा औरत तू एक रिश्ते में
टिकती क्यों नही
इतनी सस्ती है तो सरेआम
बिकती क्यों नही
प्यार,एहसास, दिखावा, फ़िक्र
ये सब ढोंग क्यों
जैसी है वैसी दिखती क्यों नही..!!
Bewafa aurat tu ak rishte me
Tikati kyo nhi
Etani sasti hai to sareaam
Bikati kyo nhi
Pyar, ahsas, dikhawa, fikr
Ye sab dhong kyo
Jaisi hai waisi dikhati kyo nhi..!!
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ना तड़पता दिल ना रोती आँखे
ना लबों पर नाम कोई और होता
हम तेरी तमन्ना ही क्यों करते
अगर तेरे जैसा कोई और होता..!!
Na tadapta dil na roti aankhe
Na labo par naam koi aur hota
Ham teri tamnna hi kyo karte
Agar tere jaisa koi aur hota..!!
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यादों का सिलसिला गुजर क्यों नही जाता
तेरा जिक्र दिल से उतर क्यों नही जाता
ये मोहब्बत में हम किस कदर पागल हो गए
तेरे सिवा कोई और नजर क्यों नही आता..!!
Yaado ka silsila gujar kyo nhi jata
Teri jikr dil se utar kyo nhi jata
ye mohbbat me ham kis kadar pagal ho gaye
Tere siwa koi aur najar kyo nhi aata..!!
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चार दिन की जिन्दगी किस किस से कतरा के चलूँ
खाक हूँ मै खाक पर क्या खाक इतरा के चलूँ..!!
Char din ki jindgi kis kis se karta ke chalu
Khak hun mai khak par kya khak etra ke chalu..!!
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